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स्किनटोन।
हमारे विशेषज्ञ हाइपरपिग्मेंटेशन और मुँहासे के निशान को कम करने में मदद करते हैं।
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हमारे दिशा-निर्देशक डर्मेटोलॉजिस्ट अनईवेन स्किन टोन के बारे में बात करते हैं।
आम तौर से हम रेखाओं और झुर्रियों को ही उम्र बढ़ने की निशानी मान लेते हैं। अब हमें पता चला है कि एक अनईवन टोन उम्र बढ़ने की शायद पहली निशानी होता है। त्वचा जब ज्यादा ईवन- टोन वाली होती है, तो आप ज्यादा युवा दिखाई पड़ते हैं। इसलिए स्किन टोन को ईवन बनाने के लिए हम जो भी करते हैं, वह हमारी त्वचा में निखार लाता है, हमें अधिक युवा बनाता है।
मेडिकल भाषा में बात करें, तो हाइपरपिग्मेंटेशन एक ऐसे एरिया का बनना है, जो आस-पास की त्वचा से ज्यादा काला होता है। ईवन स्किन टोन होना सभी त्वचा रंगों वाले लोगों के लिए अहम होता है, पर ख़ासकर यह गहरे रंग की त्वचा वाले महिलाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
सबसे आम कारण धूप के संपर्क में आना और मेलाज्मा है, जो एक ऐसी स्थिति है जो मुख्यतः गर्भवती महिलाओं और जन्म-नियंत्रण वाली गोलियां खाने वाली महिलाओं को प्रभावित करती है। एक अन्य आम कारण पोस्ट-इंफ्लामेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन है, जो एक डार्कनिंग स्थिति है जो त्वचा को हुई किसी नुकसान के बाद पैदा हो सकती है, जैसे कि ऐक्ने लेजन और बर्न। डार्क पैच उस एरिया पर चिह्न बनाएगा, जहां त्वचा ठीक हुई हो।
नम्बर एक—आक्रामक न बनिए। नतीजे देने के लिए इम एरिया को सौम्य तरीके से ठीक करना चाहिए। दूसरा, अतिरिक्त पिग्मेंट को हटाने के लिए, माइल्ड, रेगुलर एक्सफोलिएशन का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, त्वचा को शांत और सहज बनाने के लिए एंटी-इरिटेंट इंग्रेडिएंट का इस्तेमाल करें, क्योंकि इरिटेशन हाइपरपिग्मेंटेशन का मौलिक कारण है। और अंततः, अपनी त्वचा को धूप के संपर्क से बचाएं, क्योंकि अल्ट्रावायलेट प्रकाश त्वचा को काला बनाता है- ख़ासतौर से उन एरिया को जो पहले से हाइपरपिग्मेंटेशन से प्रभावित हो।
हां। भले ही आपका स्किन टोन जो भी हो, पर अधिक निखरा स्किन टोन पाना संभव है। पर इस बात का ध्यान रखें कि इसमें वक्त लगता है - यह एक ऐसी शर्त है जिसके लिए सौम्य, दीर्घकालिक उपचार की आवश्यकता पड़ती है। वास्तविक रूप से कहें तो आपको 4 हफ्ते के उपचार के बाद अपने स्किन टोन में सुधार देखने की उम्मीद करनी चाहिए और 6 हफ्तों के बाद तो काफी ज्यादा सुधार सिखाई पड़ सकता है।
एरिया को अल्ट्रावायलेट प्रकाश के संपर्क से बचाने के लिए धूप से बचाव एक जरूरी प्रयास है। खासकर गहरे स्किन टोन वाली महिलाओं को लगता है कि उन्हें सनस्क्रीन की जरूरत नहीं है। पर यहां तक कि एक मिनट यदि आप असुरक्षित रूप से धूप में रहेंगी, तो उससे आपकी त्वचा हाइपरपिग्मेंटेशन से प्रभावित हो सकती है। इसका मतलब है कि भले ही धूपदार या बदली भरा दिन हो आपको हर दिन सनस्क्रीन लगानी होगी।